थायराइड क्या है? प्रकार लक्षण कारण और उनके बचाव - What is thyroid type symptoms causes and their prevention.

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थायराइड क्या है? प्रकार लक्षण कारण और उनके बचाव - What is thyroid type symptoms causes and their prevention.



थायराइड वर्तमान समय में होने वाली एक आम समस्या बन गए हैं. अधिकांश लोग थायराइड की समस्या से ग्रसित है जिसके कारण हमारे देश में थायराइड का आंकड़ा 10 में से एक को यह समस्या ग्रस्त कर ली है, थायराइड पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलते हैं. थायराइड ग्रंथि जो गर्दन में सांस नली के ऊपर तितली के आकार की होती हैं। जो T3-T4 हार्मोन का निर्माण करती है समस्या तब उत्पन्न होती है जब थायराइड ग्रंथि के द्वारा हार्मोन के सिक्रीशन में गड़बड़ी हो जिसके कारण हाइपोथायराइड और हाइपरथायराइड जैसी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है इस प्रकार की स्थिति को थायराइड की बीमारी कहा जाता हैं यदि आप भी इस समस्या से ग्रस्त हैं तो घबराइए नहीं हम अपने साइट के माध्यम से आपको थायराइड के लक्षण, प्रकार, कारण और उनके कुछ इलाज बताएंगे जिसका उपयोग कर आप इस समस्या से निजात पा सकेंगे।

 

What is thyroid



थायराइड क्या है? - What is thyroid in hindi. 

थायराइड एक ग्रंथि है. जो हार्मोन का निर्माण करता है थायराइड से दो हार्मोन जैसे- T3 - ट्राईआयोडोथारोसीन और T4 - थायरोक्सिन निर्माण का होता है जिसका नियंत्रण थायराइड स्टिमुलेटिंग हार्मोन (TSH) के द्वारा होता है यदि थायराइड ग्रंथि के द्वारा कम या ज्यादा मात्रा में हार्मोन उत्पन्न किया जाता है ऐसी स्थिति से ग्रस्त को थायराइड की बीमारी कहा जाता हैं।

 

थायराइड के प्रकार - Types of thyroid in hindi.

थायराइड के मुख्य दो प्रकार होते हैं जो निम्न है।

  1. हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism) अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें
  2. हाइपरथायरायडिज्म (hyperthyroidism)

 

हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism) -

यह थायराइड के प्रकारों में सबसे महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें थायराइड ग्रंथि में थायराइड हार्मोन T 3 और t4 का निर्माण कम होता है ३ और t4 की एक्टिविटी कम होने के कारण पिट्यूटरी ग्लैंड TSH  का लेवल बढ़ा देता हैं इस प्रकार व्यक्ति हाइपोथायरायडिज्म से ग्रस्त हो जाता हैं। इस स्थिति में बाहर से हार्मोन लेने की जरूरत पढ़ती हैं।                        

 

हाइपरथायरायडिज्म (hyperthyroidism) -

हाइपरथायरायडिज्म एक ऐसी बीमारी है जो थायराइड ग्रंथि के अधिक सक्रिय होने के कारण होता है। शरीर में मौजूद थायरॉयड ग्रंथि T3-T4 हार्मोन का उत्पादन अधिक करती है। इसके कारण TSH का लेवल असंतुलित हो जाता है, और व्यक्ति हाइपरथायरायडिज्म से ग्रस्त हो जाता हैं।

 

थायराइड होने के कारण - Due to thyroid in hindi.

 

  • थायराइड होने के मुख्य कारणों से में से एक है आयोडीन की कमी या अधिकता। 
  • हाल ही में जन्मे बच्चे को भी थायराइड की समस्या हो सकती है जो कुछ समय बाद स्वयं ठीक हो जाते हैं। 
  • अत्यधिक तनाव से ग्रसित व्यक्ति में थायराइड होने की संभावना अधिक होती हैं। 
  • जिस व्यक्ति को उच्च रक्तचाप की समस्या हो उसे भी थायराइड हो सकता हैं। 
  • मधुमेह थायराइड के कारणों में से एक हैं। 
  • पिट्यूटरी ग्रंथि में जख्म होने के कारण भी हार्मोन की सक्रियता में असंतुलन हो जाता है जिसके कारण थायराइड होने की संभावना बढ़ जाता हैं।
  • हाशिमोटो थाइरॉइडाइटिस (Hashimoto Thyroiditis) यह एक ऑटोइम्यूनिटी डिसऑर्डर हैं। बीमारी है जिसके कारण हार्मोन बनाने की सक्रियता कम हो जाती है जो थायराइड के कारणों में से एक हैं।

 

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थायराइड के कारण दिखने वाले लक्षण - Symptoms visible due to thyroid in hindi.

 

थायराइड के शुरुआती लक्षण सभी के शरीर में एक जैसा हो यह जरूरी नहीं पर हमारे ब्लॉक में दिए गए कुछ लक्षण यदि आपके शरीर में नजर आते हैं. तो यह थायराइड के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं. यदि इस प्रकार शरीर में अचानक से परिवर्तन आए तो उसे गंभीरता से लेना चाहिए क्योंकि यह गले की समस्या का संकेत हो सकते हैं और तुरंत डॉक्टर की सलाह लेवे

  • अचानक वजन का कम होना या बढ़ाना 
  • गले में सूजन का होना 
  • बालों का झड़ना या पतला होना 
  • मासिक धर्म में अनियमितता 
  • गर्भधारण करने में समस्या होना 
  • धड़कन की गति में बदलाव होना 
  • मांसपेशियों में अकड़न या जोड़ों में दर्द होना 
  • मानसिक रूप से तनावग्रस्त 
  • शारीरिक थकावट महसूस करना 
  • कब्ज की समस्या होना 
  • रक्तचाप का बढ़ना 

 

थायराइड ग्रंथि के इलाज - Treatment of thyroid gland in hindi. 

थायराइड के इलाज मरीजों के लक्षणों के आधार पर किया जाता हैं। पहले मरीज का परीक्षण करते हैं। जिससे पता चल जाए कि थायराइड ग्रंथि हार्मोन बना रही है या नहीं आइए इसी आधार पर कुछ इलाज बताने जा रहे हैं पर उपयोग से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लेवे।

 

हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism) -

 

  •  इस प्रकार के थायराइड के लिए बाहर से हार्मोन दिया जाता हैं। 
  • तनाव को कम करना चाहिए।  
  • धूम्रपान और नशीले पदार्थों के सेवन से बचें।  
  • संतुलित आहार का सेवन करें। 

 

हाइपरथायरायडिज्म (hyperthyroidism) - 

 

एक ऑटोइम्यून बीमारी होने के कारण अनुवांशिक होते हैं। जिसके कारण इसका इलाज थोड़ा कठिन हो जाता हैं. पर कुछ परीक्षण के आधार पर इसका इलाज कर इसको ठीक किया जा सकता हैं. इसके लिए -

  • पर्याप्त मात्रा में आयोडीन युक्त सेवन करें।  
  • संतुलित आहार को अपने डाइट में शामिल करें। 

 

थायराइड ग्रंथि की जांच (Thyroid gland examination) -  यह एक गले की बीमारी है जो कि स्तर पर है उसका पता लगाने के लिए डॉक्टर कुछ टेस्ट करवा सकते हैं। जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि यह किस स्तर पर हैं। 

 

ब्लड टेस्ट (Blood test) -  डॉक्टर ब्लड टेस्ट करा कर T3-T4 हार्मोन का लेवल का जांच करते करते हैं। इससे पता चलने के बाद उपचार किया जाता हैं। 

 

आयुर्वेदिक इलाज (Ayurvedic treatment) - यदि समस्या गंभीर नहीं हैं। तो इसका इलाज आयुर्वेदिक दवाओं से भी संभव हैं। जिसके लिए आप आयुर्वेदिक डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं और थायराइड को कंट्रोल किया जा सकता हैं। 

 

सर्जरी (Surgery) -  यदि थायराइड के मरीज की स्थिति गंभीर हो उस समय डॉक्टर के सलाह से थायरॉयडेक्टॉमी (thyroidectomy) सर्जरी द्वारा इलाज किया जाता हैं। किसी थायराइड की समस्या से निजात मिलता हैं।

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